भारत में क्रेडिट कार्ड का 45 सालों का सफर — कैसे मार्केट में आया क्रेडिट कार्ड का नाम

 

भारत में क्रेडिट कार्ड का 45 सालों का सफर — कैसे मार्केट में आया क्रेडिट कार्ड का नाम



परिचय
क्रेडिट कार्ड — “अब खरीदो, बाद में भरो” — यह विचार भारत में धीरे-धीरे 20वीं सदी के अंत में लोकप्रिय हुआ। दुनिया में जहाँ क्रेडिट कार्ड का इतिहास 1950 के आस-पास से चलता है, भारत में इसका फैलाव और नियम दोनों अलग-अलग चरणों में आगे बढ़े। नीचे इसका कालक्रम, प्रमुख मील के पत्थर और नियामक बदलाव दिए जा रहे हैं।


शुरुआती दंश: अन्तरराष्ट्रीय से घरेलू शुरुआत (1960s–1980s)

दुनिया का पहला कार्ड: अंतरराष्ट्रीय तौर पर Diners Club (1950) और बाद में BankAmericard/Bank of America (1958) जैसे कार्ड्स ने आधुनिक क्रेडिट कार्ड की नींव रखी।

भारत में शुरुआती पहचान (विवादित तिथियाँ): कुछ रिपोर्टों के अनुसार भारत में सबसे पहले Diners Club जैसा इंटरनेशनल कार्ड 1960s में कुछ सहज कारोबारी/बिज़नेस सर्किलों में आया — उदाहरण के तौर पर कुछ लेखों में 1961 का हवाला मिलता है। वहीं अधिकृत बैंक-जाली (bank-issued) क्रेडिट कार्ड की शुरुआत औपचारिक रूप से 1980 के शुरुआती दशक में हुई: Central Bank of India और अन्य कुछ बैंकों ने बैंक-इश्यूड क्रेडिट कार्ड जारी करना शुरू किया। ये प्रारम्भिक कार्ड अधिकांशतः VISA नेटवर्क के थे। (स्रोतों में 1961 vs 1980 — दोनों ज्‍़िक्र मिलते हैं)।


1980s–1990s: बढ़ती स्वीकृति और नेटवर्क का विस्तार

1980s में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने अपने ब्रांडेड कार्ड लाना शुरू किया (Central Bank, Andhra Bank आदि)। Mastercard और Visa जैसे नेटवर्क भी धीरे-धीरे भारत में प्रवेश करने लगे। कुछ बैंकों (उदा. Vijaya Bank) ने 1988 के आस-पास Mastercard के जरिए नए फीचर और नकद निकासी जैसी सेवाएँ दीं।

इस दौर में कार्ड स्वीपिंग मशीनें (POS) और कार्ड-एक्सेप्टेंस धीरे-धीरे शहरों तक सीमित रही — ग्रामीण/छोटे बाजारों तक पहुँच बहुत सीमित थी।


2000s: निजी बैंकों, रिवार्ड्स और तकनीकी उछाल

निजी बैंक तथा विदेशी बैंकों के आने के साथ क्रेडिट कार्ड उत्पादों (रिवॉर्ड पॉइंट्स, कैशबैक, बैंडल्ड बेनिफिट्स) की रेंज बड़ती गई। इंटरनेट-शॉपिंग, ई-कॉमर्स और मोबाइल पेमेंट्स ने कार्ड उपयोग को एक नया आयाम दिया।


2010s–2020s: डिजिटल, नियमन और तेज़ विस्तार

RBI और भुगतान-नेटवर्क्स ने सुरक्षा, चार्जबैक, और ग्राहक-हित नियम कड़े किए। 2022 में RBI ने कार्ड-इश्यूअंस और कंडक्ट पर दिशानिर्देश जारी किए — जिससे कार्ड जारी करने वाली संस्थाओं के लिए फ्रेमवर्क स्पष्ट हुआ।

2000s से लेकर हाल के वर्षों में कार्ड बेहतरीन ग्रीवांस-रेड्रेसल, ईएमवी चिप, और मोबाइल-पहचान के साथ और सुरक्षित हुए। डिजिटल-कार्ड्स, वर्चुअल कार्ड नंबर और ऐप-बेस्ड ऑनबोर्डिंग ने 2020s में ग्रोथ को तेज़ किया।


आज की तस्वीर (संख्या और प्रवृत्तियाँ)

हाल के आँकड़ों और मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पिछले चार दशकों में क्रेडिट कार्ड उपयोग में भारी वृद्धि हुई है — उदाहरण के लिए एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 1980 में पहला बैंक-इश्यूड क्रेडिट कार्ड आया और अब करोड़ों सक्रिय क्रेडिट कार्ड हो चुके हैं। (रिपोर्ट्स में लगभग 11 करोड़ सक्रिय कार्ड का जिक्र मिलता है — स्रोतों के अनुसार आँकड़े समय के साथ बदलते रहते हैं, इसलिए ब्लॉग पोस्ट में प्रकाशित तारीख के अनुसार स्रोत देखकर अद्यतन करना अच्छा रहेगा)।


प्रमुख कारण जिनसे क्रेडिट कार्ड भारत में फैल गया

ई-कॉमर्स का उभरना — ऑनलाइन शॉपिंग ने कार्ड की जरूरत बढ़ाई।

बैंकिंग-सेवा का डिजिटलीकरण — नेटबैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग, और आसान ऑनबोर्डिंग।

उपभोक्ता-फ्रेंडली ऑफ़र — रिवॉर्ड, बेमिसाल कैशबैक और EMI विकल्पों ने कार्ड आकर्षक बनाए।

नियामक फ्रेमवर्क — RBI के दिशानिर्देशों से विश्वास और सुरक्षा बढ़ी।


चुनौतियाँ और सावधानियाँ

उधार-संस्कृति का जोखिम: क्रेडिट कार्ड असावधानी से उपयोग करने पर कर्ज में फँसाने का कारण बन सकता है।

साइबर-सुरक्षा और फ्रॉड: ऑनलाइन ट्रांज़ैक्शन और डेटा-ब्रीच के जोखिम रहे हैं — इसलिए EMV, दो-कारक प्रमाणीकरण आदि लागू हुए।


निष्कर्ष — अगला पड़ाव क्या होगा?

क्रेडिट कार्ड का सफर भारत में औपचारिक रूप से 1980s के आस-पास शुरू हुआ और आज यह करोड़ों उपभोक्ताओं का भुगतान-साधन बन चुका है। भविष्य में वॉलेट-इंटीग्रेशन, BNPL (buy-now-pay-later) के साथ संयोजन, और और अधिक पर्सनलाइज़्ड कार्ड-ऑफर हमें देखने को मिलेंगे। स्रोतों में शुरुआती तारिख़ों के बारे में कुछ अंतर हैं (कुछ इंटरनेशनल कार्ड्स 1960s में देश में उपलब्ध हुए थे, जबकि बैंक-इश्यूड व्यापक कार्ड 1980s से गिने जाते हैं) — मैंने नीचे प्रमुख संदर्भ दिए हैं ताकि आप पोस्ट के साथ सीधे स्रोत भी दिखा सकें।


संदर्भ (मुख्य स्रोत)

LiveMint — “From first card in 1980 to 11 crore active credit cards…” (रिसेंट रिपोर्ट और टाइमलाइन)।

Tata Capital / अन्य ब्लॉग्स — भारत में Diners Club/प्रारम्भिक निजी परिचय का ज़िक्र और 1960s का हवाला।

Razorpay / भुगतान-ब्लॉग्स — 1980s–1990s में बैंकों के रोल और Mastercard/Visa की एंट्री पर लेख।

Reserve Bank of India — Credit Card Issuance and Conduct Directions (2022) — नियामक फ्रेमवर्क।

सामान्य इतिहास संदर्भ (दुनिया भर में क्रेडिट कार्ड का आरम्भ) — TIME / विकिपीडिया सार।


ब्लॉग-फ्रेंडली सुझाव (आपके Blog.com के लिए)

Title suggestion: “भारत में क्रेडिट कार्ड का 45 सालों का सफर — शुरुआत से आज तक”

Meta description (Hindi): “जानिए कैसे 1980s में बैंकों के छोटे-छोटे पायलट कदमों से क्रेडिट कार्ड भारत में आया, किन मील-पत्थरों ने इसे लोकप्रिय बनाया और आज की स्थिति क्या है।”

Tags: क्रेडिट कार्ड, RBI, भुगतान, इतिहास, फिनटेक

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