इंडिया की उड़✈️ इंडिया की उड़ान सुरक्षा पर सवाल: क्रैश, तकनीकी खराबी और कर्मचारियों की बर्खास्तगी की गंभीर सच्चाई

 🔴 भारत में विमान सुरक्षा की हकीकत क्या है?



हाल के वर्षों में भारत की विमानन सुरक्षा को लेकर कई चौंकाने वाली घटनाएं सामने आई हैं। सबसे ताज़ा और गंभीर मामला AI-171 विमान क्रैश का है, जिसमें 241 यात्रियों की मौत हो गई। यह हादसा देश की सुरक्षा प्रणाली पर कई बड़े सवाल खड़े करता है।



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🛬 AI-171 क्रैश: क्या हुआ था?


विमान ने अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरी और महज कुछ सेकंड बाद ही सिस्टम फेल हो गया।


RAT (Ram Air Turbine) जैसे बैकअप सिस्टम भी काम नहीं कर सके।


शुरुआती जांच में पाया गया कि विमान की ऊँचाई सिर्फ 625 फीट तक पहुंची थी जब यह दुर्घटनाग्रस्त हो गया।




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⚠️ तकनीकी खराबी की अनदेखी?


कुछ कर्मचारियों ने पहले ही एक “तकनीकी खराबी” की रिपोर्ट दी थी – खासकर L4 दरवाजे में गड़बड़ी की—but उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया।


दो क्रू मेंबर और दो टेक्निकल स्टाफ ने ड्यूटी से पहले चेतावनी दी थी।


रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया, क्योंकि उन्होंने यह बात उच्च अधिकारियों और DGCA तक पहुंचाई।




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🚫 व्हिसलब्लोअर को सजा?


इस घटना के बाद सामने आया कि जो लोग सच्चाई उजागर करने की कोशिश करते हैं, उन्हें दबाव, धमकी और बर्खास्तगी का सामना करना पड़ता है।


यह पूरी प्रक्रिया न सिर्फ खतरनाक है, बल्कि भारतीय एविएशन सिस्टम के अंदर छिपे सिस्टमेटिक फेलियर को उजागर करती है।



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🕵️ DGCA की प्रतिक्रिया


DGCA ने प्रारंभिक जांच में कहा कि "बड़ी कोई चिंता की बात नहीं है", लेकिन:


बोइंग 787 जैसे विमानों पर दोबारा सुरक्षा जांच की जा रही है।


एक्सपर्ट्स का मानना है कि सिस्टमिक गड़बड़ी को नजरअंदाज करना भविष्य के लिए और भी खतरनाक साबित हो सकता है।




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📢 निष्कर्ष: क्या हमारी उड़ानें सुरक्षित हैं?


भारत तेजी से एक वैश्विक एविएशन हब बन रहा है, लेकिन अगर सुरक्षा मानकों को नजरअंदाज किया गया तो यह विकास अधूरा है।


जब तक कर्मचारियों की बात सुनी नहीं जाएगी और सुरक्षा को सर्वोपरि नहीं माना जाएगा, तब तक हर उड़ान जोखिम में है।

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