ETF क्या है? ETF में निवेश कैसे करें? पूरी जानकारी हिंदी में

 

ETF क्या है? जानिए ETF में निवेश की पूरी जानकारी हिंदी में – Rokad Hindi द्वारा

💼 ETF क्या होता है? पूरी जानकारी सरल भाषा में


आज के दौर में निवेश के कई विकल्प मौजूद हैं, लेकिन अगर आप शेयर बाजार में कम जोखिम के साथ निवेश करना चाहते हैं तो ETF (Exchange Traded Fund) एक बेहतरीन विकल्प है। यह आर्टिकल आपको ETF की पूरी जानकारी देगा — सरल भाषा में, बिना घुमा-फिराकर।


📊 ETF का मतलब क्या होता है?


ETF (Exchange Traded Fund) एक ऐसा निवेश माध्यम होता है जो शेयर बाजार में ट्रेड होता है, ठीक वैसे ही जैसे कोई सामान्य शेयर। लेकिन फर्क यह है कि एक ETF के अंदर कई कंपनियों के शेयर, बॉन्ड्स या कमोडिटी जैसी चीज़ें शामिल होती हैं। यानी एक ही ETF खरीदकर आप एक साथ कई एसेट्स में निवेश कर लेते हैं।


उदाहरण के लिए:

अगर आपने Nifty 50 ETF खरीदा है, तो इसका मतलब हुआ आपने Nifty 50 इंडेक्स की सभी 50 कंपनियों में एकसाथ निवेश कर दिया — वो भी सिर्फ एक क्लिक में!


🏦 ETF कैसे काम करता है?


ETF किसी खास इंडेक्स को ट्रैक करता है, जैसे Nifty 50, Sensex, Bank Nifty, Gold, आदि। ETF फंड उस इंडेक्स में मौजूद सभी शेयरों को उसी अनुपात में खरीदता है, जैसा उस इंडेक्स में होता है। जब आप ETF खरीदते हैं, तो आप उस इंडेक्स की परफॉर्मेंस में हिस्सा ले रहे होते हैं।


ETF को स्टॉक एक्सचेंज पर उसी तरह खरीदा-बेचा जा सकता है जैसे किसी कंपनी का शेयर।


🔄 म्यूचुअल फंड और ETF में क्या फर्क है?


विशेषता म्यूचुअल फंड ETF


ट्रेडिंग एक दिन में एक बार (NAV पर) लाइव शेयर बाजार में

एक्सचेंज एक्सचेंज पर नहीं बिकता स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेड होता है

मिनिमम इनवेस्टमेंट ₹500 या ₹1000 1 यूनिट से शुरू

खर्चा अनुपात थोड़ा ज्यादा कम खर्चा अनुपात

फंड मैनेजर एक्टिव/पैसिव हो सकता है ज़्यादातर पैसिव मैनेजमेंट


💡 ETF के फायदे


✅ डायवर्सिफिकेशन (विविधता) – एक ETF में कई कंपनियों के शेयर होते हैं, जिससे जोखिम बंट जाता है।

✅ कम खर्चा (Low Expense Ratio) – म्यूचुअल फंड की तुलना में ETF का खर्चा कम होता है।

✅ लिक्विडिटी (Liquidity) – ETF को आप बाजार में कभी भी खरीद-बेच सकते हैं।

✅ रियल टाइम प्राइसिंग – ETF की कीमत लाइव अपडेट होती है, ठीक शेयर की तरह।

✅ ट्रांसपेरेंसी (पारदर्शिता) – ETF के पोर्टफोलियो की जानकारी नियमित रूप से मिलती रहती है।


⚠️ ETF के कुछ नुकसान


❌ ब्रोकर की ज़रूरत – ETF खरीदने के लिए आपके पास Demat अकाउंट होना चाहिए।

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❌ लोगों की जागरूकता कम – भारत में अभी भी ETF के बारे में कम लोग जानते हैं, जिससे वॉल्यूम कम होता है।

❌ ट्रैकिंग एरर – कभी-कभी ETF का रिटर्न इंडेक्स से थोड़ा अलग हो सकता है।


🔍 भारत में लोकप्रिय ETF


भारत में कई अच्छे ETF मौजूद हैं जिन्हें आप निवेश के लिए चुन सकते हैं:

1. Nippon India ETF Nifty BeES


2. HDFC Nifty 50 ETF


3. ICICI Prudential Sensex ETF


4. SBI ETF Nifty Bank


5. Motilal Oswal Nasdaq 100 ETF


6. Gold ETF (जैसे Nippon India Gold ETF)


📈 ETF में निवेश कैसे करें?


अगर आप ETF में निवेश करना चाहते हैं, तो आपको इन 3 चीजों की जरूरत होगी:


1. Demat अकाउंट – Zerodha, Groww, Upstox जैसे किसी प्लेटफॉर्म पर खोल सकते हैं।


2. Trading अकाउंट – ताकि आप ETF को एक्सचेंज पर खरीद-बेच सकें।


3. थोड़ी समझ – किस इंडेक्स को ट्रैक करना है, कितना निवेश करना है।


आप ETF को एक बार खरीद सकते हैं या SIP के जरिए हर महीने निवेश भी कर सकते हैं।


🧠 ETF चुनते समय ध्यान देने योग्य बातें


➡️ उस ETF का ट्रैक रिकॉर्ड कैसा है?

➡️ उसका एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) कितना है?

➡️ उस ETF में कितना लिक्विडिटी वॉल्यूम है?

➡️ उसका ट्रैकिंग एरर कितना है?


💰 ETF से कमाई कैसे होती है?


ETF से कमाई के दो मुख्य तरीके होते हैं:


1. प्राइस एप्रिसिएशन (Price Appreciation) – जब ETF की कीमत बढ़ती है तो आपको प्रॉफिट होता है।


2. डिविडेंड (Dividend) – कुछ ETF समय-समय पर डिविडेंड भी देते हैं, जो आपके खाते में आता है।


🧾 टैक्सेशन (Tax) का क्या नियम है?


ETF को आप शेयर की तरह ही मान सकते हैं, इसलिए टैक्स का नियम भी वैसा ही होता है:


एक साल से पहले बेचने पर: Short Term Capital Gain – 15% टैक्स


एक साल के बाद बेचने पर: Long Term Capital Gain – ₹1 लाख तक टैक्स फ्री, उसके ऊपर 10%


Note: Gold ETF और International ETF पर थोड़ा अलग टैक्स नियम होता है (Debt Fund जैसा)।


🧭 ETF किसके लिए सही है?


✔️ जो लोग लॉन्ग टर्म के लिए निवेश करना चाहते हैं

✔️ जो लोग डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो चाहते हैं

✔️ जो म्यूचुअल फंड के खर्चे से बचना चाहते हैं

✔️ जो रियल टाइम में ट्रेड करना पसंद करते हैं


📌 निष्कर्ष: ETF क्यों चुने?


ETF एक ऐसा आसान, सस्ता और पारदर्शी निवेश माध्यम है जो नए और अनुभवी, दोनों प्रकार के निवेशकों के लिए फायदेमंद हो सकता है। अगर आप शेयर बाजार में कम रिस्क में शुरुआत करना चाहते हैं, तो ETF एक स्मार्ट और सुरक्षित रास्ता हो सकता है।

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